दिल्ली हाईकोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के दोषी की सज़ा में किया बदलाव, सज़ा को किया कठोर, जुर्माना भी लगाया
- Hindi
- May 30, 2023
- No Comment
- 1184
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महिला के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी को दी गई आजीवन कारावास की सजा को बढ़ा कर बिना छूट के 20 साल की क़ैद में बदल दिया है।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस पूनम ए बंबा की पीठ ने दोषी की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि दोषी बिना किसी छूट के एक निश्चित अवधि के लिए सज़ा का पात्र है।
कोर्ट ने इसी के साथ दोषी अपीलकर्ता पर 60 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
क्या है मामला ?
इस मामले में अपीलकर्ता पर आरोप था कि उसने पीड़िता को एक सुनसान स्थान पर ले जाने के बाद उसके साथ न सिर्फ दुष्कर्म किया था बल्कि उसकी हत्या भी करदी थी। अपीलकर्ता पर आरोप था कि उसने पीड़िता की हत्या करने से पहले उसके गुप्तांग में टूटी हुई लकड़ियां डाल दी थीं।
निचली अदालत ने अपीलकर्ता को आईपीसी की धाराओं 376 A , 302 और 404 के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सज़ा दी थी। इस आदेश के खिलाफ अपीलकर्ता ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।
अपीलकर्ता का पक्ष :
अपीलकर्ता के पक्ष में उसके वकील ने कोर्ट से कहा था कि अपीलकर्ता अपने परिवार का एक मात्र कमाने वाला है और उसके दो नाबालिग बच्चे हैं। क्यूंकि दोषी अपीलकर्ता के माता पिता अब इस दुनिया में नहीं है इस लिए उसके दोनों नाबालिग बच्चे अपने नाना व नानी के साथ रह रहे हैं। अपीलकर्ता की पत्नी मानसिक रूप से विकलांग है। अपीलकर्ता की आयु 38 वर्ष है और वह लग भग 8 वर्षों से जेल में बंद है।
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के यूनियन ऑफ़ इंडिया बनाम वी श्रीहरन 2016 और मुकेश बनाम स्टेट ऑफ़ दिल्ली 2017 के मामले में दिए गए आदेश पर भरोसा करते हुए माना कि अपीलकर्ता बिना किसी छूट के एक निश्चित अवधि तक सज़ा का पात्र है।
कोर्ट ने पाया कि अपीलकर्ता को बिना किसी छूट के 20 वर्ष के कारावास की सज़ा इस उद्देश्य की पूर्ति करेगी।
इस लिए कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा अपीलकर्ता को दी गई सज़ा को बिना किसी छूट के 20 वर्ष की अवधि के कठोर कारावास में बदलने का आदेश पारित किया साथ ही अपीलकर्ता पर 60 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
केस: रामतेज बनाम स्टेट ऑफ़ दिल्ली Crl. A. 264/2019
पूरा आदेश यहाँ पढ़ें :